मेरे व्यवहार से जाने अनजाने आपको किसी प्रकार का आघात पंहुचा हो तो सांवत्सरिक क्षमा याचना के महा पर्व पर आप से अंत: कारन से क्षमा चाहता हूँ |

Khaamemi Savve Jeeva
Savve Jeeva Khamantu Me
Metti Me Savve Bhuyesu
Vairam Majham Na Kenai

Michhami Dukkadam

पर्युषण
संवत्सरी ना दिवस पहेला
मारा थी क्यारे पण जानता अजानता कोई पण दुःख लाग्यु
होय तो मन वचन काया ना योग थी मिच्छामी दुक्कडं

दस मन ना, दस वचन ना ,बार काया ना,
ए बत्रिश दोशोमा जे कोई दोष लाग्यो होए ते सवी हु मन वचन कायाये करी
तस्स मिच्छामी दुक्कडम

 जैन पयुर्षण के क्षमावाणी पर्व पर दिल से मिच्छामी दुक्कड़म उत्तम क्षमा। जय जिनेंद्र
विगत दिनों में मेरे किसी व्यवहार से आपका दिल दुखा हो तो उसके लिए मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा चाहता हूँ , कृपया क्षमा कर अनुग्रहित करे .

I grant forgiveness to all living beings,
All living beings grant me forgiveness on this samvatsari parv
Michhami Dukkadam

P=PARV
A=ARADHNA
R=RAG-DWESH
Y=YACHANA
U=UPWAS
S=SAMAYIK
H=HAR ROJ POOJA
A=ATHAI
N=NAVKARSI
Michhami Dukkadam

1 Sal, Sal K 12 Mah
1 K Mah K 4 Hafte K 7 Din K
1 Din K 24 Ghante K
1 Ghante K 60 Minut K
1 Minut K 60 Sec K
Hazar Lamhe Harzar Lamhe Me 1 Hi AAWAZ MICHHAMI DUKKDAM

नवकार मेरी सांस है
जैन  धर्म मेरा विश्वास  है ,
गुरुदेव  मेरे  प्राण  है ,
मोक्ष  कि मुझे  तलाश  है ,
क्षमा पर्व पर  उत्तम क्षमा
Michhami Dukkadam