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 जैन पयुर्षण के क्षमावाणी पर्व पर दिल से मिच्छामी दुक्कड़म उत्तम क्षमा। जय जिनेंद्र
विगत दिनों में मेरे किसी व्यवहार से आपका दिल दुखा हो तो उसके लिए मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा चाहता हूँ , कृपया क्षमा कर अनुग्रहित करे .